दाग

Friday, January 04, 2013


लिबास पे मेरे दाग बोहोत है,
सपने टूटे बोहोत है, अपने छूटे बोहोत है,
बोहोत है गम जो सबके पास है,
ना जाने क्यू इस गम से रिश्ता कुछ ख़ास है,

क्या ऐसा खोया है मैने, जो तेरे पास है,
जाना ही था उसको, पता है मुझे,
फिर भी दिल होता अब भी क्यू उदास है,
लौटना नही है अब उसका मुमकिन,
बेकार अब देना आवाज़ है,

आसुओं से दाग नही धुलते,
रोने से रास्ते नही मिलते,
पता है सब मुझे, की झूठी तसल्ली देता है दिल मुझे,
जबकि उसे भी पता है के सब बकवास है,

बोहोत है गम जो सबके पास है,
कुछ ऐसा नही जो सिर्फ़ मैने खोया है,
फिर भी लगता है जैसे मेरा गम कुछ ख़ास है.

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Its My Life

This is what that is going on my life, my happy/ sad memories... At times Its what my mind muses and purges out as poetry when its not thinking anything what it is forced to think!!!

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