Sach
Tuesday, March 15, 2016
नही रह सकता तेरे बिना, तुझे ये आज कहदूं तो शायद सच लगेगा,
कुछ नही हू तेरे बिना, तुझे ये आज कहदूं तो सच लगेगा,
ऐतबार ना था तुझे, शायद प्यार भी ना था तुझे,
अगर कह दे तू आज के हाँ था, तो शायद मुझे ये सच लगेगा,
बीत गये कई बरस, बरसी पे आज भी आसू आते है,
देख के दो धड़कते दिल, वो पल याद आते है,
वो पल मै फिर जी नही सकता, जीना चाहता तू मगर, तेरे सिवा कोई ना अच्छा लगेगा,
आज तुझे ये कह दूं, तो शायद तुझे सच लगेगा,
हाथ पकड़ के चलना तेरा, मेरा प्यार था,
तेरी ज़िद को हंस के टालना मेरा प्यार था,
हाथ छुड़ा के तू गयी जाने कहा,
वो हाथ आज भी मुट्ठी है,
कसक आज भी उतनी है,
तू रोज़ याद आती है,
ये तुझ से आज कह दूं तो शायद तुझे सच लगेगा.
भीड़ मे गुम हो तुम हो,
चमक मे कही खो गयी हो तुम,
दिल से बॅस ये कह दो के खुश हो तुम,
जो तुम खुश हो तो मैं खुश हूँ, आज मैं कह दूं तो शायद तुम्हे सच लगेगा...
कुछ नही हू तेरे बिना, तुझे ये आज कहदूं तो सच लगेगा,
ऐतबार ना था तुझे, शायद प्यार भी ना था तुझे,
अगर कह दे तू आज के हाँ था, तो शायद मुझे ये सच लगेगा,
बीत गये कई बरस, बरसी पे आज भी आसू आते है,
देख के दो धड़कते दिल, वो पल याद आते है,
वो पल मै फिर जी नही सकता, जीना चाहता तू मगर, तेरे सिवा कोई ना अच्छा लगेगा,
आज तुझे ये कह दूं, तो शायद तुझे सच लगेगा,
हाथ पकड़ के चलना तेरा, मेरा प्यार था,
तेरी ज़िद को हंस के टालना मेरा प्यार था,
हाथ छुड़ा के तू गयी जाने कहा,
वो हाथ आज भी मुट्ठी है,
कसक आज भी उतनी है,
तू रोज़ याद आती है,
ये तुझ से आज कह दूं तो शायद तुझे सच लगेगा.
भीड़ मे गुम हो तुम हो,
चमक मे कही खो गयी हो तुम,
दिल से बॅस ये कह दो के खुश हो तुम,
जो तुम खुश हो तो मैं खुश हूँ, आज मैं कह दूं तो शायद तुम्हे सच लगेगा...
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